अयोध्या नगरी में श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान्‌ श्रीराम के दिव्य मंदिर के निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है, यह हम सबके लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। आप सभी को अवगत है, कि तीर्थक्षेत्र न्यास के प्रतिनिधियों ने २९ जुलै २०२० के दिन माणिकनगर की मृत्तिका और जल को श्रीजी के हाथों से प्राप्त किया था और ५ अगस्त को अयोध्या में संपन्न हुई भूमिपूजा के दौरान मंदिर की नींव में उस जल एवं मृत्तिका को विधिवत्‌ स्थापित किया गया। ५ अगस्त को श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन के अवसर पर प्रभुमंदिर में दीपोत्सव का आयोजन कर माणिकनगर वासियों ने हर्ष व्यक्त किया था। इन दिनों अयोध्या में प्रभुराम की जन्मस्थली पर एक भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। हम सबके लिए यह अत्यंत गर्व एवं आनंद का विषय है, कि जन्मभूमि न्यास ने देशभर में जो निधि संग्रह अभियान चलाया है उसमें सभी भारतीय बड़ी श्रद्धा के साथ अपना सहयोग दे रहे हैं। राम सेतु के निर्माण के समय जिस प्रकार एक गिलहरी ने भी छोटे-छोटे कंकर जमा करके सेतु बनाने में वानरों की सहायता की थी उसी तरह हम सभी देशवासियों को अपने सहयोग से प्रभु के कार्य को सफल करने का अवसर पुनः प्राप्त हो रहा है। हम सबका यह कर्तव्य है, कि इस सुअवसर का लाभ लेकर हम इस पावन एवं ऐतिहासिक कार्य में सहभागी हों एवं श्रीप्रभुकृपा के पात्र बनें। कल दिनांक १ फरवरी को तीर्थक्षेत्र न्यास के प्रतिनिधियों ने माणिकनगर पधारकर श्रीजी को आवाहन पत्र समर्पित करते हुए अभियान की जानकारी दी। आप सबको सूचित करते हुए हमें अत्यंत प्रसन्नता की अनुभूति होती है, कि कल श्रीजी ने अपने करकमलों से श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य के लिए श्रीप्रभु संस्थान की ओर से अनुदान अर्पित किया। हमें विश्वास है, कि समस्त भारतवासियों के सयहार्य से एवं प्रभु के आशीर्वाद से मंदिर निर्माण का यह कार्य शीघ्र ही संपन्न होगा और प्रभुराम के करोड़ों आतुर भक्तों के लिए अयोध्या नगरी में स्थित जन्मस्थली क्षेत्र के द्वार श्रीदर्शन के लिए पुनः खुलेंगे।

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