प्रतिवर्ष गुरुपौर्णिमा के अवसर पर वेद पाठशाला के भूतपूर्व विद्यार्थी, माणिकनगर में एकत्रित होकर गुरुवंदना का कार्यक्रम अत्यंत उत्साह सहित आयोजित करते हैं। गत अनेक वर्षों से यह परंपरा सुनियोजितरीति से चली आ रही है। इस वर्ष की गुरुपौर्णिमा का पर्व अत्यंत विशेष होने वाला है। इस वर्ष श्री माणिकप्रभु वेद संस्कृत पाठशाला की स्थापना को २५ वर्ष पूर्ण हुए हैं। इस उपलक्ष्य पर सभी भूतपूर्व विद्यार्थियों ने वेद पाठशाला का रजतमहोत्सव आयोजित करने का संकल्प किया है। ९ जुलाई से १३ जुलाई तक संपन्न होने वाले रजतमहोत्सव में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन पांच दिनों की अवधि में चतुर्वेद स्वाहाकार, अष्टावधानसेवायुक्त श्रीप्रभु की प्रदोषपूजा, श्रीसप्तशती पारायण, महारुद्राभिषेक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम माणिकनगर में आयोजित किए जा रहे हैं। १२ जुलाई की शाम को माणिक्य सौध सभा भवन में पाठशाला के वर्तमान विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। १३ जुलाई – गुरुपौर्णिमा के अवसर पर इसी सभा भवन में गुरुवंदना का कार्यक्रम भव्यरीति से सुसंपन्न होगा जिसके अंतर्गत सभी विद्यार्थी अपने गुरुजनों का सत्कार करेंगे तथा श्रीजी की विधिवत्‌ पाद्यपूजा समर्पित कर श्रीगुरुवंदना का कार्यक्रम संपन्न करेंगे। काशी के पंडितवर्य श्री गणेश्वर शास्त्री द्राविड, शृंगेरी के वेदशास्त्र संपन्न श्री शंकर भट्ट तथा देवताळ के पंडितप्रवर श्री मुकुंद शास्त्री जैसे विशेष अतिथिगण श्रीसंस्थान के विशिष्ट निमंत्रण पर इस महोत्सव के लिए माणिकनगर पधारने वाले हैं। वेदपाठशाला के लगभग २०० भूतपूर्व विद्यार्थी इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने जा रहे हैं। इस माध्यम से हम सभी प्रभु भक्तों को भी इस रजतमहोत्सव के ऐतिहासिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए निमंत्रित करते हैं। यह एक ऐसा अद्भुत पर्व होगा, जब गुरु और शिष्य के परस्पर प्रेम की एक अनुपम धारा यहॉं प्रवाहित होगी और जो-जो उस दिव्य प्रवाह का अनुभव पाएंगे वे अत्यंत सौभाग्यशाली होंगे। अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें ८१४७१००८७१,  ९४४१३५९५१२

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