प्रभु ने मुझे अपनाया
दुनिया ने मुझे ठुकराया।
प्रभु ने मुझको अपनाया।।
किस जगह से मैं आया।
क्या क्या मैंने पाया।
ये तो प्रभु जाने।।१।।
मैं जीवन भर रोता ही रहा।
प्रभु ने मुझे हँसने को कहा।।
बस हुआ इधर उधर भटकना।
प्रभु के चरणों में अब रहना।।
कोई न बोले मुझको यहॉं से उठ।
मैंने अभीतक तुझसे कुछ मांगा नहीं। क्या मांगूं मैं तुझसे हे प्रभो? सबकुछ तूने ही मुझको दिया है। दो हाथ मिले हैं काम करने के लिए। दो आंखें मिली हैं तेरे दर्शन के लिए। दो कान मिले हैं तेरा गुणगान सुनने के लिए। जिह्वा मिली है तेरे नामस्मरण के लिए। दो पैर मिले हैं तेरे मंदिर जाने के लिए। फिर भी मैं कहता हूँ कि मुझको तू कुछ तो दे दे।
प्रभु बोले – अरे मूर्ख इन्सान, जो तुझको मैंने दिया है पहले उसीकी कदर करले फिर उसके बाद मुझे बताना कि मैंने तुझको क्या नहीं दिया?
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श्रीराम जयराम जयजयराम. श्रीराम जयराम जयजयराम. नर्मदेहर नर्मदेहर.
SRI SADGURU MANIK PRABHU MAHARAJ KI JAI
ಇದು ಶ್ರೀ ಸದ್ಗುರು ಮಾಣಿಕ ಪ್ರಭುಗಲ್ಲಿ ನಮ್ಮನ್ನು ನಾವು ಪರಿಶುದ್ಧವಾದ ಮನಸ್ಸು ಮತ್ತು ನಿಷ್ಕಲ್ಮಶ ಮನಸ್ಸಿನಿಂದ ನಮ್ಮನ್ನು ನಾವು ಪ್ರಭು ಚರಣಗಳಲ್ಲಿ ಅರ್ಪಿಸಿಕೊಂಡಾಗ ಬರುವ ನುಡಿಗಳಿವು…ಎಂದೆನಿಸುತ್ತಿದೆ….”ಜೈ ಗುರು ಮಾಣಿಕ್ “
माणिकराव ही भावना केवळ आपली आहे असे नाही आपण सगळयांची भावना छान बोलके केलात आपल्या या नवीन प्रकटीकरण बद्दल अभिनंदन आणि जय गुरु माणिक
जय गुरु माणिक. बहुत खूबसूरती से लिखा है माणिकराव जी. पढ़कर मन प्रसन्न हो.. माणिक प्रभु ने मुझे अपनाया है.. हम सब उनके हो गये. Simple language and very humbly presented… showing your humbleness exactly the person you are. May Almighty (Shree Manik Prabhu shower) his Blessings on you and your family and all. नमस्कार 🙏🌻धन्यवाद.
Jai Guru Manik!🙏🏻🙏🏻🙏🏻