शनिवार १३ नवंबर के दिन श्रीजी ने श्री सद्गुरु सिद्धराज माणिकप्रभु महाराज के नवनिर्मित देवालय में समाधि-शिला को स्थापित किया। आप सबको सूचित करते हुए हमें अत्यंत हर्ष होता है, कि इस वर्ष की दत्त जयंती महोत्सव में श्री सद्गुरु सिद्धराज माणिकप्रभु महाराज के नवनिर्मित देवालय की प्रासाद वास्तु शांति का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। सोमवार १३ दिसंबर (मार्गशीर्ष शुद्ध दशमी) के दिन श्रीजी द्वारा महाराजश्री के देवालय की वास्तु शांति विधिवत्‌ संपन्न की जाएगी। मंगलवार १४ से गुरुवार १६ दिसंबर तक नवनिर्मित समाधि मंदिर में नित्य महारुद्राभिषेक होगा और चतुर्दशी शुक्रवार १७ दिसंबर को सुबह ९ बजे श्रीजी द्वारा महाराजश्री के समाधि की महापूजा संपन्न होगी। इस पूजन्‌ के साथ ही महाराजश्री के नूतन देवालय में नित्य पूजा-अर्चना का विधान्‌ विधिवत्‌ आरंभ होगा।

अत्यंत विशेष सूचना

समस्त प्रभुभक्तों के लिए एक और अत्यंत विशेष सूचना है। रविवार १२ दिसंबर (मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी) को सभी भक्तजनों के लिए महाराजश्री की समाधि का स्पर्श दर्शन प्राप्त करने का अवसर उपलब्ध होगा। सुबह ८ से दोपहर २ बजे तक भक्तगण देवालय के गर्भगृह में जाकर अपने हाथों से श्रीसमाधि पर जलाभिषेक तथा पत्र-पुष्प अर्पित कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में सभी श्रद्धावान सद्भक्त भाग ले सकते हैं।

श्री सद्गुरु सिद्धराज माणिकप्रभु महाराज के नवनिर्मित देवालय में स्थापित समाधि-शिला

श्रीसमाधि का अभिषेक व स्पर्श दर्शन करते समय पुरुषों को धोती-उत्तरीय तथा महिलाओं को साडी जैसे भारतीय वस्त्रों का परिधान करना अनिवार्य है। इस बात का ध्यान रखें कि केवल १२ दिसंबर को दोपहर के २ बजे तक ही श्रीसमाधि के स्पर्श दर्शन करने की संधि भक्तजनों को मिलने वाली है। निश्चित समय के बाद श्री सिद्धराज माणिकप्रभु देवालय के गर्भग्रह में अर्चकवर्ग के अतिरिक्त सभी के लिए प्रवेश वर्जित होगा। अस्तु अन्य स्थानों से पधारने वाले सद्भक्तों से यह अनुरोध है, कि अपनी माणिकनगर यात्रा का नियोजन करते समय इस विशेष सूचना का ध्यान रखें। श्रीसमाधि के स्पर्श दर्शन के लिए किसी प्रकार की कोई बुकिंग की आवश्यकता नहीं है। नियोजित तिथि को ऊपर दी हुई समयावधि में उपस्थित रहने वाले भक्तजनों को मात्र इस सेवा का अवसर प्राप्त होगा। दोपहर ठीक २ बजे स्पर्श दर्शन का कार्यक्रम समाप्त होगा और ३ बजे श्रीप्रभु मंदिर में वार्षिक महोत्सवांगभूत तीर्थ स्नान तथा योगदंड पूजन का कार्यक्रम आरंभ होगा। हम आशा करते हैं, कि आप इस स्वर्ण संधि का लाभ लेकर इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल करेंगे।

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