देह यह मिट्टी का है दिया॥ध्रु.॥

आत्मज्योति से इस जड तन को
चेतन किसने किया?

प्राणों के अविरत स्पंदन को
इंधन किसने दिया?

किसकी आभा से ज्योतित हैं
पाँचों ज्ञानेंद्रियाँ?

शब्द स्पर्श रस रूप गंध को
किसने अनुभव किया?

किसकी सत्ता से प्रेरित है
कर्मेंद्रिय की क्रिया?

मिट्टी का यह दीप जलाकर
प्रभु ने तम हर लिया।

जीवन की इस दीपावलि में
ज्ञान ज्योति बन जिया।

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